हार्ट अटैक के लक्षण: कारण, संकेत उपचार और सावधानियां
आज के बदलते युग में जीवनशैली और गलत खान-पान के कारण कम उम्र के लोगों को भी दिल के दौरे का खतरा बढ़ गया है। हमें इसे पहचानने और समय रहते इलाज करवाने की जरूरत है, ताकि किसी भी व्यक्ति की जान बच सके। हार्ट अटैक को मेडिकल भाषा में अनेक नामों से जाना जाता है, जैसे: मायोकार्डियल इन्फेक्शन (Myocardial infarction), कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) या एनजाइना (Angina)।यह एक सीरियस कंडीशन है जिसमे किसी भी इंसान की जान जा सकती है। अचानक से हार्ट अटैक की स्थिति तब उत्पन होती है जब हमारे ह्रदय की माँसपेशियों (Heart muscles) में खून का बहाव कम हो जाता है, और दिल को पर्याप्त मात्रा में खून न मिलने के कारण दिल को नुकसान पहुँचता है, और तभी ऐसी स्थिति उत्पन होती है जिसमें हार्ट को खून की सप्लाई न मिले, तो हार्ट अटैक हो सकता है, जिसके कारण किसी भी इंसान की जान जा सकती है।
हार्ट अटैक के लक्षण – Symptoms of heart attack
हार्ट अटैक के लक्षण अनभुव के आधार पर अलग -अलग हो सकते हैं। जब किसी को हार्ट अटैक आने के संकेत होता हैं तो इंसान की सार्वजर्वनि अनुभव, उनके स्वास्थ्य के इतिहास, और अन्य कारकों पर निर्भर करता हैं।यहाँ पर कुछ आम लक्षण हैं जो हार्ट अटैक के पहले से देखा जा सकता हैं:
- सीनेमेंदर्द
- जकड़न
- कंधों में दर्द
- थकान
- सोने में दिक्कत
- दिल की धड़कन का तेज होना
- सांस फूलना
यदि किसी को इन लक्षणों में से किसी भी एक का भी अनभुव होता है, तो उन्हें तरुंत डाक्टर से सलाह लेनी चाहिए। हार्ट अटैक के लक्षणों को गंभीर रूप से लिया जाना चाहिए, क्योंकि समय रहते ही सही उपचार से किसी भी इंसान की जान को बचाया जा सकता है।
दिल का दौरा पड़ने के कारण – Causes for heart attack –
दिल का दौरा पड़ने के कारण:
- कोरोनरी धमनी रोग
- उच्च रक्तचाप
- मधुमेह
- धूम्रपान
- अधिक वजन या मोटापा
- अनियमित आहार और खानपान
- अत्यधिक तनाव और दबाव
- अलसी जीवनशैली और कम शारीरिक गतिविधि
- आनुवांशिक कारक
- गंभीर संतुलन की विघटना
हार्ट अटैक के संकेत – Signs of heart attack
हार्ट अटैक के मुखय संकेत:
- सीने में दर्द या दबाव, जो आमतौर पर बीच में महसूस होता है और लंबे समय तक बना रहता है।
- छाती में जलन या भारीपन की अनुभूति।
- शरीर के दूसरे हिस्सों में दर्द, जैसे कि बाएं हाथ, कंधे, गला, जगह, या पीठ।
- सांस फूलना या दिक्कतें खासकर व्यायाम के दौरान।
- अचानक असहमति, चक्कर, या बेहोशी की अनुभूति।
- अच्छे स्वास्थ्य के बावजूद असामान्य थकान या दुर्बलता।
- बेहद ठंडी या गर्मी की भारी पसीना।
- उच्च दाब या दर्द का एहसास होना हाथों, पैरों, गर्दन, या जगहों में।
- उच्च डाब के साथ न्यूनतम हृदय द्वारा बढ़ा जाने वाला हृदय द्वारा दर्द।
- उच्च गरमी में अधिक ठंडा, सर्दी, या दर्द का महसूस होना।
यदि आपको या किसी और को इन संकेतों में से कुछ भी महसूस होता है, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना जरूरी है।
हार्ट अटैक के उपचार – Treatment of Heart Attack
हार्ट अटैक के उपचार के लिए निम्नलिखित कार्रवाइयाँ की जाती हैं:
- ऑक्सीजन थेरेपी: अस्पताल में, मरीज को ऑक्सीजन प्रदान किया जाता है ताकि उनके हार्ट को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन मिल सके।
- दवाओं का प्रयोग: चिकित्सक द्वारा निर्दिष्ट दवाओं का सेवन किया जाता है, जैसे कि एस्पिरिन, नाइट्रोग्लिसरिन, या थ्रोम्बोलाइटिक दवाएं।
- अंजियोप्लास्टी और स्टेंट: यह उपचार की प्रक्रिया है जिसमें अस्पताल में दिल की धमनियों को खोलने और ब्लॉकेज को हटाने के लिए कठोरी का उपयोग किया जाता है, और कभी-कभी एक स्टेंट भी स्थापित किया जाता है।
- दिल का ऑपरेशन: गंभीर हार्ट अटैक के मामलों में, डॉक्टर द्वारा अभिन्न और गंभीर चिकित्सा प्रक्रिया के रूप में दिल की सर्जरी की जा सकती है।
- चिकित्सा रख-रखाव: हार्ट अटैक के बाद, चिकित्सक द्वारा निर्देशित चिकित्सा लेना महत्वपूर्ण है, जैसे कि दवाओं का सही रूप से लेना, नियमित चेकअप करवाना, स्वस्थ आहार और व्यायाम का पालन करना, तनाव मुक्ता रहना और धूम्रपान और अधिक अल्कोहल का सेवन ना करना ।
यह उपायों का पालन करने से, हार्ट अटैक के बाद भी व्यक्ति की जिंदगी को बचाने और स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।
हार्ट अटैक के बाद सावधानियां – Precautions after heart attack
हार्ट अटैक के बाद, निम्नलिखित सावधानियों का पालन करना महत्वपूर्ण होता है:
- नियमित चेकअप: हार्ट अटैक के बाद, डॉक्टर की सलाह अनुसार नियमित चेकअप करवाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- दवाओं का सही रूप से सेवन: डॉक्टर द्वारा निर्दिष्ट दवाओं को सही तरीके से और समय पर लेना अत्यंत जरूरी है।
- स्वस्थ आहार: सेहतमंद आहार खाना जैसे कि फल, सब्जियाँ, पूरे अनाज, और हड्डीयों में कम चर्बी और आलसी मात्रा में नमक।
- नियमित व्यायाम: डॉक्टर द्वारा स्वीकृत व्यायाम कार्यक्रम का पालन करना हार्ट स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है।
- धूम्रपान और अधिक अल्कोहल का परित्याग: धूम्रपान और अधिक अल्कोहल का सेवन हार्ट स्वास्थ्य को क्षति पहुंचा सकता है, इसलिए इन्हें बंद करना या कम करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
- तनाव का प्रबंधन: सही तरीके से तनाव का प्रबंधन करना हार्ट स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है। मेडिटेशन, योग और अन्य रिलैक्सेशन तकनीकों का अभ्यास करना सहायक हो सकता है।
- जागरूकता: अपने हार्ट स्वास्थ्य के लिए संवेदनशील रहना, लक्षणों को समझना और अगर कोई समस्या हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना।
इन सावधानियों का पालन करने से, हार्ट अटैक के बाद व्यक्ति अपने स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकता है और अधिक स्वस्थ और फिट जीवन जी सकता है।
FAQ
- माइनर हार्ट अटैक के शुरवाती लक्षण क्या है?
माइनर हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षण कुछ ऐसे होते हैं
- छाती में दर्द या दबाव: माइनर हार्ट अटैक के लक्षणों में से सबसे प्रमुख है छाती में दर्द या दबाव महसुस होना। यह दर्द छाती के केंद्र में महसूस होता है, लेकिन कभी-कभी यह शरीर के अन्य हिस्सों में भी महसूस होना लगता है
- थकान या अजीब महसुस होना : हार्ट अटैक से पहले, व्यक्ति थका हुआ होता है, जो कि आमतौर पर अजीब महसुस करता है।
- श्वासन असामान्यता : ध्यान देने योग्य है कि श्वास-गति में असामान्यता के लक्षण भी हो सकते हैं, जैसे कि श्वासन में असामान्य तेज़ी होना या घातक दर्द के साथ श्वास-गति की कमी होना ।
- उच्च या निम्न रक्तचाप: रक्तचाप में असामान्य बदलाव होना भी एक संभावित लक्षण हो सकता है।
अगर आपको इन लक्षणों में से कोई भी लक्षण अनुभव हो रहा है, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करना करे
- हार्ट अटैक के बाद सावधानियां क्या – क्या रखे ?
हार्ट अटैक आने के बाद, अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना चाहिए
जैसे नियमित रुप से चेक-अप करवाना , दवाओं का सही ढंग से
इस्तेमल करना , और वसा और नमक का सेवन कम करे । चिकित्सक के सुझावानुसार व्यायाम करें, और सिगरेट छोड़ें, शराब का सेवन कम करें। चिंता भी कम से कम करे ये कदम आपके स्वास्थ्य में सुधार ला सकते हैं और भविष्य में हार्ट समस्याओं का खतरा को कम कर सकते हैं।
- हार्ट अटैक से बचने के उपाय क्या है
हर रोज व्यायाम जो की हार्ट को स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करता है। तथा योग करना,चलना , और साइकिलिंग जैसे साधारण व्यायाम भी बहुत हार्ट के लिये फायदेमंद होता हैं। और कम नमक, अधिक फल और सब्जियों से भरपूर आहार लेना हार्ट स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। तथा नियमित जाँच करवाना हार्ट समस्याओं को समय रहते पहचानने में मदद कर सकता है। धूम्रपान और अधिक शराब का सेवन हार्ट स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है, इसलिए इनका सेवन कम या पूरी तरह से छोड़ दें। तथा स्ट्रेस को कम करने के लिए ध्यान, प्राणायाम, और आराम करें।
- हार्ट अटैक आने पर सबसे पहले क्या करना चाहिए?
अगर किसी को हार्ट अटैक आता है, सबसे पहले वह शांति बनाए रखें घबराये नही । फिर जल्दी से तुरंत एम्बुलेंस को कॉल करें। और बिना देर कीये, उन्हें अस्पताल ले जाए । एम्बुलेंस अच्छी तरह से उन्हें अस्पताल पहुंचा सकती है और मेडिकल टीम उनकी मदद कर सकती है। क्यू की अस्पताल में ही उन्हें जरूरी उपचार मिल सकता है, जो उनकी जिंदगी को बचा सक्ती है।
- हार्ट अटैक केसे होता है?
हार्ट अटैक तब होता है जब हार्ट की एक धमनी के ब्लॉकेज की वजह से हार्ट को ऑक्सीजन की आपूर्ति करने में समस्या होने लगती है। यह ब्लॉकेज आमतौर पर धमनी में किसी चरण के रूप में देखी जाती है, जिसे “खराब चरण” कहा जाता है। जब हार्ट को ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं मिलती, तो यह दर्द, बंद नसबंदी, या अन्य लक्षण का कारण बन जाति है। ऐसे में तुरंत मेडिकल की सहायता ले।